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Goswami Tulsidas has said that the Name of the Lord is the witness of His Nirguna as well as Saguna states. Like an ingenious interpreter, the Name of the Lord help us to unravel the mysteries of both forms of the Absolute. The question is how?
गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है : अगुन सगुन बिच नाम सुसाखी।। उभय प्रबोधक चतुर दुभाखी।। अर्थात् नाम परमात्मा के दोनों रूपों निर्गुण व सगुण का साक्षी है, नाम दोनों रूपों में मौजूद रहता है। वह एक चतुर दुभाषिए की तरह दोनों अवस्थाओं के मध्य कड़ी है और दोनों का ज्ञान कराने वाला है। आपके इस कथन का क्या रहस्य है। यह जानने के लिए पढ़ें सतनाम 4
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